किस्सा चमार का।
भड़वे से ना पूछो पैसे कैसे लौटाई जाते हैं,
चमार से ना पूछो अच्छे वाले सस्ते जूते कहां से आते हैं,
आते हैं तो आते हैं किस्मत वालों को आते हैं,
इसमें ना सर खपाओ जब करम के पुजारी सताते हैं,
क्यूंकि भड़वा पैसा लौटा दिया तो जब वाट उसकी लगती है,
तो सस्ते जूते वालों को पता चलता है बीवी क्यूं उन्पे हगती है,
इसी लिए दोस्तों भड़वे से दोस्ती करो जब पैसा देने का जिगर रखो,
और चमार से इज़्ज़त पाना हो तो ऊंचे दुकानों में पैर रखो,
बीवी ऊंचे कर्मो का खिताब तब भी ना दी तो अड़े रहना,
क्यूंकि पर्यटन विभाग को विस्तारा को जवाब जल्दी है देना,
टिकट तुम्हारी जापान की हुई है,
ये मत सोचना के परेशानी सिर्फ कूड़ेदान को हुई है,
फिर भी दिल ना माने तो याद रखना पटाया तो जापान कि भेंट है,
यकीन ना आए तो जाके पूछो उधर की गाड़ी क्यूं इतनी लेट है,
क्या है ना भड़वे अगर सब खुल्ले बाज़ार में घूमने लगे, तो जूते छोड़ो,
अब तो किस्मत दुनिया की ऐसी अाई के समझो भड़वा ही चमार का डेट है।
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