गिरेबान में तो हमने भी झाँका मगर मारे गए आराम से,
आखिर है तो ये वही माजला जब सब बिक गए हो हराम से,
अब दो चार सुट्टा यहीं मार लो वर्ना सोचेंगे सब है ये नन्हा सा,
घुस गया तो गुज़र जायेगी बदन की ख़ुशी कोई बीता लम्हा सा,
हाँ हसीन तो भड़वा ज़िन्दगी जियेगा हम सब जो रखे हैं संभाल के,
इस युग की सबसे तीखी बिजलियाँ जो … Read the rest